वाह!! आज के हालात को मद्दे-नज़र रखते हुए कया खूब अश`आर निकाले हैं आपने जिन बातों को कह लेने के लिए कई मुबाहिसे दरकार रहते हैं...
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इस बात को मद्दे-नज़र रखते हुए, एक स्वस्थ संतुलित नारीवाद का अभ्यास बिलकुल किया ही जा सकता है, ज ब नारी का उत्थान, समाज की प्रगति की पहली शर्त बन चुका है।